सोमवार, जुलाई 04, 2011

क्या करें देश के सबसे अमीर भगवान की संपत्ति का ?

क्यों न इससे नए विश्वविद्यालय और अस्पताल खोले जाएँ?  


देश के सबसे अमीर भगवान का पता चल चुका है. वे हैं केरल के श्री पद्मनाभ स्वामी. राजधानी तिरूअनंतपुरम के पूर्वी किले में स्थित पद्मनाभ स्वामी मंदिर के गुप्त खजाने में अब तक कोई एक लाख करोड़ रूपये की संपत्ति मिल चुकी है. वैसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर खजाने की गिनती अभी जारी है. अखबारी रिपोर्टों के मुताबिक, अभी एक और संदूक को खोलना बाकी है.



माना जा रहा है कि पद्मनाभ स्वामी संपत्ति के मामले में देश के अन्य सभी मंदिरों को पीछे छोड़ देंगे. ऐसा मानने की एक वजह यह भी है कि मंदिर के गुप्त खजाने से जो अकूत संपत्ति मिली है, उसमें ईस्ट इंडिया कंपनी और नेपोलियन के ज़माने के सोने के सिक्कों के अलावा प्राचीन मूर्तियां, हीरे-जवाहरात और गहने शामिल हैं जिनकी सही-सही कीमत का अंदाज़ा लगाना मुश्किल है.

हालाँकि तात्कालिक रूप से पद्मनाभ स्वामी ने संपत्ति के मामले में अन्य भगवानों और मंदिरों को पीछे छोड़ दिया है लेकिन इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि ऐसे गुप्त और खुले खजाने देश के सैकड़ों मंदिरों और मठों में मौजूद हैं. पुराने मंदिरों की तो छोडिये, नए बाबाओं और स्वामियों के मंदिरों और आश्रमों तक में हजारों करोड़ की संपत्ति छिपी हुई है.

दूर क्यों जाएँ, हाल में ही सिधारे सत्य साईं बाबा को ही लीजिए. ऐसा लगता है कि उनके पास नोट छापने की मशीन लगी हुई थी. उनके खुद के कमरे में मिली संपत्ति को देखकर लोगों की आँखें फटी की फटी रह गईं: ११.५६ करोड़ रूपये नगद, ९८ किलो सोना और ३०७ किलो चांदी. इसके अलावा ऐसा अनुमान है कि बाबा के पुट्टपर्थी आश्रम की कुल संपत्ति लगभग ५० हजार करोड़ रूपये से अधिक की है.

इस समय उस संपत्ति के लिए उनके चेले और रिश्तेदारों में मारामारी मची हुई है. हालत यह है कि पुलिस ने उस इलाके में एक गाडी में ३५ लाख रूपये बरामद किये हैं जो बिना किसी हिसाब-किताब के ले जाए जा रहे थे. कहने की जरूरत नहीं है कि देश में साईं जैसे और कई ‘भगवान’ हैं जिन्होंने भक्तों की श्रद्धा और अमीरों की ‘टैक्स सेवा’ से अरबों रूपये की संपत्ति खड़ी कर ली है.

सवाल है कि इस संपत्ति का क्या किया जाए? केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी का कहना है कि यह पद्मनाभ स्वामी की संपत्ति है और उन्हीं के पास रहेगी. उन्होंने उसकी सुरक्षा के लिए समुचित व्यवस्था करने का वायदा भी किया है. लेकिन पिछले पचासों साल में देश भर के मंदिरों, आश्रमों और मठों में उनकी संपत्ति की जिस तरह से संगठित लूट हुई है, उसे देखते हुए चांडी के आश्वासन पर भरोसा करना मुश्किल है.

ऐसे में, सबसे बेहतर रास्ता यह है कि पद्मनाभ स्वामी की संपत्ति को देश-समाज के विकास में खर्च किया जाए. आखिर एक लाख करोड़ रूपये की संपत्ति यूँ ही खजाने में सडती-लुटती रहे, उससे अच्छा यह होगा कि उसे उत्पादक कार्यों में खर्च किया जाए.

क्यों न इस संपत्ति से देश में लगभग एक-एक हजार करोड़ रूपये खर्च करके ५० बेहतरीन विश्वविद्यालय और ५० मेडिकल कालेज और अस्पताल बनवाए जाएँ. देश के सभी राज्यों को दो-दो विश्वविद्यालय और मेडिकल कालेज अस्पताल मिल जाएंगे.

निश्चय ही, इससे सबसे ज्यादा खुशी श्री पद्मनाभ स्वामी को होगी. आखिर उनके भक्तों को उनकी संपत्ति से गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा और चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी. यही नहीं, आंध्र प्रदेश सरकार को भी तुरंत सत्य साईं ट्रस्ट को अधिग्रहित कर लेना चाहिए और वहां मिली संपत्ति का इस्तेमाल स्कूल-कालेज और अस्पताल खोलने में करना चाहिए.

मेरा एक और प्रस्ताव है. केन्द्र सरकार को तुरंत एक मंदिर अधिग्रहण कानून बनाना चाहिए और देश भर के प्रमुख मंदिरों, आश्रमों और मठों को ‘राष्ट्रीय हित’ में अधिग्रहीत कर लेना चाहिए. यही नहीं, नए ज़माने के बाबाओं-स्वामियों और मठाधीशों के ट्रस्टों को दी गई टैक्स रिआयतें तुरंत वापस लेनी चाहिए.

भगवान का धन अगर दरिद्र नारायण की सेवा में खर्च हो तो भला किस भगवान को आपत्ति होगी?

आप क्या कहते हैं?

4 टिप्‍पणियां:

Arunesh c dave ने कहा…

अरे भाई यहां लोग हिंदी वाद मे लगे हैं कौन आपकी बात मानेगा लोग पूछ रहे है कि क्यो नही मस्जिदो की वक्फ़ बोर्ड की संपत्ती सरकार अधि ग्रहित करती हमारे मंदिर की भी मत करो पहले ही खरबो सड़ रहा होगा और भी सड़ जायेगा धीरे धीरे किसी न किसी चोर का बैंक बैलेंस बढ़ जायेगा

Indra ने कहा…

सौ फीसदी सही है। ऐसा ही होना चाहिए।

विभुराज मागध ने कहा…

Shrines and Gods are legal personality... so they can own wealth... but the property should not be blocked in museum or for useless research purpose.... there should be a productive wealth management and State should take its responsibility...… and the Padnabhswamy Mandir should be directly controlled by the state government… पद्मनाभास्वामी को केरल की इकॉनॉमी में कंट्रीब्यूट करने का मौका दिया जाना चाहिये...भगवान अपने देश के लिये इतना तो कर ही सकते हैं...

विभुराज मागध ने कहा…

Shrines and Gods are legal personality... so they can own wealth... but the property should not be blocked in museum or for useless research purpose.... there should be a productive wealth management and State should take its responsibility...… and the Padnabhswamy Mandir should be directly controlled by the state government… पद्मनाभस्वामी को केरल की इकॉनॉमी में कंट्रीब्यूट करने का मौका दिया जाना चाहिये...भगवान अपने देश के लिये इतना तो कर ही सकते हैं...