मंगलवार, सितंबर 14, 2010

तस्वीर बनाता हूँ, तस्वीर नहीं बनती

आजकल कुछ आड़ी-तिरछी तिरछी रेखाएं खींचने का शौक चढ़ा हुआ है. वैसे भी अब तक यही करता आया हूँ. आप भी देखिये, क्या बना है, इन रेखाओं और रंगों से? 



 
 
 
 
 
 
 

4 टिप्‍पणियां:

रीतेश ने कहा…

सर, ये फोटोशॉप पर बना रहे हैं या कहीं और.

रीतेश

केशव कुमार ने कहा…

in aari tirchi rekhao ko samajhna bhi to tedhi kheer hi hai sir.....

jitendra raj chawla ने कहा…

ये काफी अच्छा है की आपको ये शौक चढ़ा हुआ है ishki जरूरत है kauki इन आड़ी-तिरछी रेखाओ से वे आड़े-तिरछे काम जरुर घबराते है,जो समाज में हो रहे है .बहुत नहीं तो कुछ तो बना ही है.[ कुछ लोग सोचने पर तो मजबूर हुए ना....इश्क मतलब आप सफलता के आसपास ही है ]अगर कुछ बना नहीं तो ,कुछ बिगड़ा भी नहीं है ."आशा है बहुत जल्द कुछ बन जायेगा ."

Jitendra ने कहा…

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