गुरुवार, दिसंबर 31, 2009

नए साल की हार्दिक शुभकामनाएं

आप सभी को नए साल की बधाइयाँ और शुभकामनाएं देते हुए एक छोटी सी सूचना भी देनी थी..नए साल की कई योजनाओं में एक योजना यह भी है कि अब नियमित रूप से ब्लॉग पर भी लिखना है...हालाँकि साल की शुरुआत की प्रतिज्ञाओं का क्या होता है, वह मुझे अच्छी तरह से पता है। देखें इस बार क्या होता है? वैसे इरादा पक्का है।

जैसाकिआप जानते हैं अभी तक मेरे दो विद्यार्थी - रितेश और उनके बाद हिमांशु इस ब्लॉग को चला रहे थे..वे मेरे अख़बारों में छपे लेखों को ब्लॉग पर भी डाल दिया करते थे। मैं खासकर रितेश का बहुत आभारी हूँ कि उन्होंने काफी दिलचस्पी लेकर यह ब्लॉग शुरू करवाया और नियमित रूप से मेरे लेखों को इस पर डालते रहे..उनके व्यस्त होने के बाद यह जिम्मेदारी हिमांशु उठा रहे थे।

लेकिन मैं खुद बहुत दिनों से सोच रहा था कि मुझे ब्लॉग पर कुछ नियमित और स्वतंत्र रूप से भी लिखना चाहिए..लेकिन कुछ आलस्य, कुछ झिझक, कुछ टाइपिंग न जानने और कुछ व्यस्तताएं- ब्लॉग पर अपना लिखना नहीं हो पाया..लेकिन अब कोशिश रहेगी कि ब्लॉग पर नियमित रूप से कुछ लिखा करूँ।

आप सभी की राय की प्रतीक्षा रहेगी और हाँ, शुभकामनाओं की भी...आखिर हम भी तो देखें कि ब्लॉगिंग का आनंद क्या है? और यह भी कि क्या यह कुछ गंभीर बहसों और चर्चाओं का मंच बन सकता है?

6 टिप्‍पणियां:

संगीता पुरी ने कहा…

आपके आलेखों का इंतजार रहेगा .. आपके लिए भी नया वर्ष मंगलमय हो !!

महेश कुमार वर्मा : Mahesh Kumar Verma ने कहा…

आपको भी नया साल मुबारक हो.

आपका
महेश
http://popularindia.blogspot.com/

Udan Tashtari ने कहा…

नियमित लिखें, शुभकामनाएँ.


वर्ष २०१० मे हर माह एक नया हिंदी चिट्ठा किसी नए व्यक्ति से भी शुरू करवाने का संकल्प लें और हिंदी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें।

- यही हिंदी चिट्ठाजगत और हिन्दी की सच्ची सेवा है।-

नववर्ष की बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाएँ!

समीर लाल
उड़न तश्तरी

विजय प्रताप ने कहा…

आपको भी नया साल मुबारक हो.
ब्लोगिंग शुरू कर आपने हम लोगों को नए साल का तौफा दिया है.

मृगेंद्र पांडेय ने कहा…

सर प्रणाम
आज ही जयपुर वापस लौटा तॊ आपके ब्लाग पर नई शुरुआत की जानकारी मिली। यह काफी अच्छी पहल है। मुझे उम्मीद है कि आपके नियमित रूप से ब्लाग लिखने का उन लॊगॊं कॊ सबसे ज्यादा फायदा हॊगा जॊ कम स कम दिन में एक बार इंटरनेट पर आकर कुछ गंभीर चीजे पढना चाहते हैं।

आपने कहा कि आखिर हम भी तो देखें कि ब्लॉगिंग का आनंद क्या है? और यह भी कि क्या यह कुछ गंभीर बहसों और चर्चाओं का मंच बन सकता है? अगर आप जैसे कुछ और लॊग इस तरह की पहल करें तॊ उम्मीद है कि गंभीर चर्चा कॊ भी ब्लाग पर शुरू किया जा सकता है।

मृगेंद्र पांडेय ने कहा…

सर एक निवेदन यह भी है कि कमेंट कॊ सीधे ब्लाग पर आने दें। और शब्द पुष्टिकरण कॊ हटाने का कष्ट करें