tag:blogger.com,1999:blog-8157191427767672214.post1093344759321448891..comments2023-10-03T16:20:46.521+05:30Comments on तीसरा रास्ता: अपने दामन में झांकें कोड़ा पर कोड़ा चलाने वालेआनंद प्रधानhttp://www.blogger.com/profile/05288123571817148120noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-8157191427767672214.post-77466488148694726152009-11-04T21:53:41.830+05:302009-11-04T21:53:41.830+05:30अंधेर नगरी, चौपट राजा.....अंधेर नगरी, चौपट राजा.....Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8157191427767672214.post-73479848414403823332009-11-04T10:43:19.012+05:302009-11-04T10:43:19.012+05:30साफ है कि झारखण्ड में कितना खतरनाक खेल खेला जा रहा...साफ है कि झारखण्ड में कितना खतरनाक खेल खेला जा रहा है. यह सिर्फ एक और भ्रष्टाचार का मामला भर नहीं है बल्कि इसमें पूरी जनतांत्रिक प्रक्रिया दांव पर लगी हुई है. यहां यह भी कहना जरुरी है कि एक कोड़ा या सुखराम को पकड़ने से कुछ नहीं बदलनेवाला क्योंकि वह भ्रष्ट व्यवस्था ज्यों-की-त्यों बनी हुई है. आश्चर्य नहीं कि इस देश में भ्रष्टाचार खासकर उच्च पदों का भ्रष्टाचार अब कोई बड़ा राजनीतिक मुद्दा नहीं रह गया है, कम से कम राजनीतिक दलों के लिए तो यह कोई मुद्दा नहीं रह गया है. जब भ्रष्टाचार शासन व्यवस्था का इस तरह से हिस्सा बन जाए कि प्रशासन का कोई पुर्जा और पूरी मशीन बिना रिश्वत के 'ग्रीज' के चलने में अक्षम हो गई हो तो वह कोड़ा जैसों को ही पैदा कर सकती है. आखिर इसकी जिम्मेदारी किसकी है? क्या किसी के पास कोई जवाब है कि पिछले तीन दशकों से अधिक समय से वायदे के बावजूद आजतक लोकपाल कानून क्यों नहीं बना? क्या कारण है कि अभी चार साल भी नहीं हुए और नौकरशाही-नेताशाही आर टी आइ कानून को बदलने पर तुल गई है? कोड़ा पर कोड़ा चलानेवाले क्या अपने दामन में झांकेंगे? <br /><br />Fantastic, पूरा निचोड़ यही पर मौजूद है ! मैं भी इस विषय पर एक लेख लिख रहा हूँ शायद दिन तक पोस्ट कर पाने में शक्षम हो सकू !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.com