tag:blogger.com,1999:blog-8157191427767672214.post105358529376273452..comments2023-10-03T16:20:46.521+05:30Comments on तीसरा रास्ता: न्यूज मीडिया के बड़े शार्क आनंद प्रधानhttp://www.blogger.com/profile/05288123571817148120noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-8157191427767672214.post-63125926086955803062013-06-03T19:14:08.422+05:302013-06-03T19:14:08.422+05:30आज मीडिया का स्वामित्व कुछ मुट्ठी भर लोगों के हाथ ...आज मीडिया का स्वामित्व कुछ मुट्ठी भर लोगों के हाथ में संकेन्द्रित हो गया है और ‘स्रोतों की विविधता व लोकवृत्त’ जैसी अवधारणाओं को गहरा आघात लगा है। इन मुद्दों के आलोक में तीसरे प्रेस या मीडिया आयोग के गठन की ज़रूरत है। मालूम हो पहला प्रेस कमीशन (1952) और दूसरा प्रेस कमीशन (1978) नवउदारवादी नीतियों के लागू होने से पहले गठित किये गये थे। तीन दशक बाद मीडिया की संरचना व सरोकारों में बहुत तब्दीलियाँ आयी हैं। आयोग द्वारा इन विषयों का गहन विश्लेषण करके ‘लोकतंत्र के चतुर्थ स्तम्भ’ की मज़बूती के लिए दिये जानेवाले सुझावों पर ग़ौर भी फ़रमाया जाए। Anoop Kumar https://www.blogger.com/profile/07610867599170046058noreply@blogger.com